हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام
يَنْبَغِي لِلْمُؤْمِنِ أَنْ يَكُونَ فِيهِ ثَمَانِي خِصَالٍ وَقُوراً عِنْدَ الْهَزَاهِزِ، صَبُوراً عِنْدَ الْبَلَاءِ، شَكُوراً عِنْدَ الرَّخَاءِ، قَانِعاً بِمَا رَزَقَهُ اللَّهُ، لَا يَظْلِمُ الْأَعْدَاءَ وَ لَا يَتَحَامَلُ لِلْأَصْدِقَاءِ، بَدَنُهُ مِنْهُ فِي تَعَبٍ وَ النَّاسُ مِنْهُ فِي رَاحَةٍ.
हज़रत इमाम जफार सादीक अ.स.ने फरमाया:
एक मोमिन में 8 खुसूसियत होना चाहिए:
(1) कठिनाइयों के सामने मजबूत और प्रतिष्ठित बना रहें
(2) कोई भी मुसीबत आने पर धैर्य रखें (3) शांति और आराम के समय में शुक्र करें।
(4)अल्लाह लआला ने उसे जो दिया है उस पर संतुष्ट रहें
(5)अपने दुश्मनों पर ज़ुल्म ना करें।
(6)अपने दोस्तों के काधों पर अपना बोझ ना डालें ,
(7)अपने दोस्तों के काधों पर अपना बोझ ना डालें ,
(8)लोंगों से रहम दिली से मिले